Wednesday, March 17, 2010

The Pain Flotsam


आँखों के धारों में
इक खोया पहरा बहता है
पानी सा दिखता है
पर एक सेहरा बहता है

उतरा है ग़म नीचे
दिल में यूँ गहरा रहता है
कंकरों से हलचल हो न
दर्द ठहरा रहता है



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